Friday, October 28, 2011

अन्ना हजारे का आन्दोलन

जब भी कोई बड़ा आन्दोलन चलता है तो उसमें छोटी मोटी खामियाँ रह ही जाती हैं.अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार के विरुद्ध चलाये जा रहे आन्दोलन में विभिन्न विचारधाराओं के लोग जुड़े हुए हैं. ऐसा भी नहीं है कि इस आन्दोलन से जुड़ा हुआ हर व्यक्ति पूरी तरह से ईमानदार ही है.हर मकसद से लोग जुड़ते हैं,कुछ लोग इसका भी अपने निजी स्वार्थ हेतु प्रयोग कर सकते हैं और कर भी रहे हैं. कुछ लोग भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं तो कुछ लोग अन्य कारणों से.यह तो तय है कि लोग चारों ओर व्याप्त भ्रष्टाचार से त्रस्त हो गए हैं तथा उस से मुक्ति चाहते हैं . अत: हमें आन्दोलन को सफल बनाने की तरफ ही ध्यान केन्द्रित करना होगा.सबसे पहले तो उन लोगों को जो निःस्वार्थ भाव से देश हित में इस आन्दोलन से जुड़े हैं यह करना पडेगा कि आन्दोलन की खामियों को बढ़ा चढ़ा कर सार्वजनिक रूप से प्रचारित प्रसारित न करें क्योंकि विरोधी तो पहले से ही चाहते हैं कि आन्दोलन सफल न हो.ऐसा करके हम विरोधियों को ही उनके मकसद में कामयाब होने में मदद करेंगे.दूसरी बात यह कि जो लोग पहले से कोर कमेटी के सदस्य रहे हैं और किन्ही कारणों से कोर कमेटी से अलग हो रहे हैं उन्हें भी अलग होने के बाद टीम अन्ना के दूसरे सदस्यों पर आरोप प्रत्यारोप से बचना चाहिए,अन्यथा उनकी स्वयं की आन्दोलन के प्रति निष्ठा सवालों के घेरे में आ जाती है. कोर ग्रुप की बैठकों में हर मुद्दे पर खुलकर बहस की जा सकती है.राष्ट्रहित में चलाये जा रहे आन्दोलनों में व्यक्तिगत अहम् व महत्वाकांक्षा का परित्याग कर त्याग की भावना से ही कार्य करना पडेगा.तीसरी बात यह कि अन्ना हजारे जी या उनकी टीम के सदस्यों को भी हर व्यक्ति की बातों पर सफाई देने या उनकी बातों का जवाब देने की आवश्यकता नही है.हाँ यदि माननीय प्रधान मंत्री जी या उस स्तर के किसी व्यक्ति ने कोई आरोप लगाया हो तभी ऐसे किसी आरोप आदि पर बड़ी ही शालीनता से अन्ना जी के स्तर पर ही सफाई या जवाब दिया जाना चाहिए.अन्य लोगों को तो केवल आन्दोलन को सही ढंग से चलाने में ही रूचि रखनी चाहिए.चौथी और अंतिम बात यह कि अन्ना हजारे जी की कोर कमेटी के विस्तार किये जाने की बात से मैं सहमत हूँ.मेरा मत है कि कोर कमेटी में हर राज्य से कम से कम तीन सदस्य रखे जायें तथा वे सदस्य ऐसे हों जिनका चरित्र पूरी तरह से बेदाग़ हो ताकि उन पर कोई उंगली न उठा सके.हमें यह भी याद रखना चाहिए कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई कुछ दिनों,महीनों या वर्षों में समाप्त होने वाली नहीं है,यह तो भ्रष्टाचार के समूल निवारण तक अनवरत रूप से चलती रहेगी तथा इस संघर्ष में कई लोगों को अपने प्राणों तक की आहुति देनी पड़ेगी..जय हिंद !!